झारखंड में मलेरिया और अन्य बीमारियों का आंकड़ा, मलेरिया और कुत्ते के काटने की समस्या गंभीर

Khabarnama desk : झारखंड में मलेरिया के कुल मरीजों में से 52 प्रतिशत मरीज सिर्फ दो जिलों, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिम सिंहभूम में पाए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में राज्य में मलेरिया के कुल 17,273 मरीज पाए गए, जिनमें से 9,095 मरीज इन दो जिलों से थे। पूर्वी सिंहभूम में 4,727 और पश्चिम सिंहभूम में 4,368 मरीज पाए गए, जो राज्य में मलेरिया के कुल मरीजों का 52.65 प्रतिशत हैं।

इसके अलावा, राज्य में मलेरिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या कुत्तों द्वारा काटे जाने की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर 100 में से 28 मरीज कुत्ता काटने से प्रभावित होते हैं। कुत्तों के काटने से रैबीज नामक खतरनाक बीमारी होती है, जिसका इलाज नहीं होता। रैबीज मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है और यह जानलेवा हो सकता है। कुत्ते के काटने के बाद एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया जाता है, जो रैबीज से बचाव में मदद करता है।

राज्य में मलेरिया के सबसे कम मरीज देवघर, जामताड़ा, धनबाद और कोडरमा में पाए गए हैं। इसके अलावा, राज्य में टायफॉयड और इन्फ्लुएंजा जैसे अन्य रोगों के भी मरीज मिलते हैं। टायफॉयड के 100 में से 10 मरीज और इन्फ्लुएंजा के 9 मरीज पाए जाते हैं।

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