Khabarnama desk : रांची, 6 मार्च 2025: झारखंड विधानसभा में आज गुरुवार को कृषि विभाग के बजट पर चर्चा होने जा रही है। इसके तहत प्रभात खबर ने पिछले बजट में की गई घोषणाओं का ऑडिट किया है। इस दौरान यह सवाल उठाया गया है कि पिछले बजट में की गई योजनाओं में से कितनी धरातल पर उतर पाई हैं।
झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 82 योजनाओं का प्रस्ताव किया था। इनमें कृषि विभाग की 32 योजनाएं, उद्यान विभाग की 6, भूमि संरक्षण की 2, डेयरी डेवलपमेंट विभाग की 8, पशुपालन की 18, मत्स्य विभाग की 6 और सहकारिता विभाग की 9 योजनाएं शामिल थीं। इनमें से अधिकांश योजनाएं केंद्र और राज्य दोनों द्वारा प्रायोजित थीं।
राज्य सरकार ने 56 योजनाओं का प्रस्ताव 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए किया था, जिसमें किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि यंत्र बांटने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, अब इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने में महज 20-25 दिन बचे हैं, और किसान अभी तक कृषि यंत्रों का वितरण नहीं कर पाए हैं, जबकि इसके लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
पशुपालन विभाग ने गो मुक्तिधाम योजना शुरू करने का निर्णय लिया था, जिसके तहत गोवंश की मृत्यु पर पवित्र तरीके से शरीर का निष्पादन किया जाना था। यह योजना 2021-22 में शुरू की गई थी और 2024-25 में इसके लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन यह योजना भी धरातल पर नहीं उतर पाई।
इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण कृषि हाट निर्माण की योजना बनाई गई थी, इसके लिए 7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन यह योजना भी शुरू नहीं हो पाई। कृषकों को मौसम की जानकारी देने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज लगाने की योजना थी, इसके लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जो अभी तक धरातल पर नहीं आई। गन्ना विकास की योजना और मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना भी फिलहाल कागजों पर ही सीमित हैं, और इनका लाभ किसानों को नहीं मिल पाया है।
उद्यान निदेशालय द्वारा हाइटेक नर्सरी सह हार्टी पार्क की स्थापना का प्रस्ताव था, लेकिन यह भी पूरा नहीं हो सका। पशुपालन विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई, जबकि इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया था।
इसके अलावा, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग में 6282 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 4393 पद रिक्त हैं, जिनमें से सबसे अधिक पद पशुपालन विभाग में हैं।
हालांकि, राज्य सरकार ने 4.78 लाख किसानों का ऋण माफ किया है और बीज वितरण के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही, फसल बीमा राशि भी किसानों को दिलाई गई है।
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