Khabarnama Desk : आज 11 जनवरी से श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव (प्रतिष्ठा द्वादशी) अयोध्या में शुरू हो रहा है। यह दिन अयोध्या के राम मंदिर में विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर रामलला का महाभिषेक सुबह साढ़े दस बजे से शुरू होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी आस्था अर्पित करेंगे।
इस भव्य आयोजन में लगभग 70 संत शामिल होंगे, जिनमें से अधिकांश अयोध्या के संत होंगे, जबकि कुछ अन्य संत बाहर से भी आ रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर उन्होंने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लिखा, “यह मंदिर सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष से बना है और हमारी संस्कृति व अध्यात्म की महान धरोहर है।”
महाभिषेक के दौरान, रामलला के गर्भगृह में विशेष मंडप बनाए गए हैं, जहां संतजन रामनाम संकीर्तन करेंगे। इस धार्मिक आयोजन में प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास भी अपनी रचनाओं से भक्तों का मनोरंजन करेंगे। वह अपनी कविताओं और भजनों से कार्यक्रम में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं का दिल जीतेंगे। इस प्रतिष्ठा द्वादशी के दौरान, यज्ञ मंडप और तीर्थ सेवा केंद्र में करीब 26 प्रमुख यजमानों द्वारा अनुष्ठान किए जाएंगे। इनमें अवध प्रांत के संघ चालक सरदार स्वर्ण सिंह और अन्य विशिष्ट लोग भी शामिल होंगे। इस आयोजन से जुड़े सभी लोग एकजुट होकर रामलला के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। शनिवार को उनका कार्यक्रम अयोध्या में सवा चार घंटे का रहेगा। उनका हेलीकॉप्टर सुबह 10:45 बजे रामकथा पार्क के हेलीपैड पर उतरेगा। इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमानगढ़ी और रामजन्मभूमि का दौरा करेंगे, जहां वे प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद, वह संतों के साथ भोजन-प्रसाद करेंगे और फिर अंगद टीला पर आयोजित समारोह को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम दोपहर 3 बजे लखनऊ के लिए रवाना होने के साथ समाप्त होगा।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में एक विशेष माहौल है। अयोध्या के इस भव्य आयोजन में लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे, जो राम के प्रति अपनी आस्था और प्रेम व्यक्त करेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और धर्म की भी गहरी अभिव्यक्ति है। श्रीराम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा की यह प्रक्रिया लाखों हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक पल है, जिसे वे लंबे समय से अपने जीवन का हिस्सा बनाने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
अयोध्या में श्री रामलला का मंदिर सदियों के संघर्ष, त्याग और तपस्या के बाद बनकर तैयार हुआ है। इस मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया ने भारतीय समाज को एकजुट किया है और यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया है। पीएम मोदी ने इस मंदिर के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि यह मंदिर भारत के महान और समृद्ध धार्मिक धरोहर का प्रतीक है और यह हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा।
रामलला के इस मंदिर की प्रतिष्ठा एक नई दिशा में भारत के विकास और आध्यात्मिक पुनर्निर्माण के रूप में देखी जा रही है। यह आयोजन न केवल अयोध्या के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का कारण बन चुका है। यह दर्शाता है कि भारतीय समाज की आस्था और विश्वास कितनी गहरी हैं और कैसे यह धार्मिक आयोजन पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की महत्ता को स्थापित करता है।
सभी भारतीयों के लिए यह अवसर एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहां रामलला के इस मंदिर की प्रतिष्ठा के माध्यम से देशवासियों को एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश मिलेगा। रामलला के इस मंदिर का उद्घाटन और प्रतिष्ठा समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के जीवित रहने और आने वाली पीढ़ियों तक उसका संदेश पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।
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