Khabarnama Desk: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 21 जनवरी को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े 18 महत्वपूर्ण एजेंडों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों का उद्देश्य राज्य की जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और सरकारी व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाना है। आइए, इन फैसलों को सरल भाषा में समझते हैं।
झारखंड सरकार ने ज्ञानोदय योजना के तहत सरकारी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर आधारित शिक्षा लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत 2024-25 से लेकर 2029-30 तक 94.95 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी। इससे छात्रों को आधुनिक शिक्षा की सुविधा मिलेगी और उनका ज्ञान डिजिटल दुनिया से जुड़ा रहेगा। यह कदम राज्य के शैक्षिक मानकों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा, “इस योजना के तहत, राज्य सरकार बच्चों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इससे स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्र तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त होंगे।”
झारखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से कर्मचारियों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।
यह कदम राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारियों की भलाई के लिए उठाया गया है, ताकि वे स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान परेशानियों से बच सकें और बेहतर इलाज प्राप्त कर सकें।
सरकार ने स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के अंतर्गत मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए चतरा जिले में एक विशेष न्यायालय स्थापित करने को मंजूरी दी है। इस विशेष न्यायालय का उद्देश्य ड्रग्स और नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों को जल्दी और प्रभावी तरीके से निपटाना है। इससे चतरा जिले में नशे के मामलों पर काबू पाने में मदद मिलेगी और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी।
मंत्रिमंडल ने राज्य के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में वरिष्ठ अस्पताल प्रबंधक, वित्त प्रबंधक और आईटी कार्यकारी के पदों की सृजन को भी मंजूरी दी है। ये पद अस्पतालों में प्रशासनिक कामकाजी सुधार और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इससे अस्पतालों की सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
भारत सरकार द्वारा लागू की गई नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत, झारखंड राज्य ने जांच कर्मियों को 25,000 रुपये तक की लागत वाले मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यह कदम जांच कार्यों को सुगम बनाने और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इन मोबाइल फोन का उपयोग पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा निगरानी और अपराध जांच के लिए किया जाएगा।
कैबिनेट ने कुछ और अहम प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई। इनमें राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधारों, और विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं। इन कदमों का उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।
यह भी पढ़ें: फिर से प्रशासनिक कार्य की जिम्मेदारी लेंगी IAS पूजा सिंघल, निलंबन हुआ रद्द
यह भी पढ़ें: केंद्र से मिले 1300 करोड़ डकार गई झारखंड की हेमंत सरकार, बीजेपी ने बड़े घोटाले का लगाया आरोप
यह भी पढ़ें:झारखंड में बनेगा एक और RIMS, हेमंत कैबिनेट ने 18 प्रस्तावों पर लगाई मुहर
यह भी पढ़ें: महाकुंभ 2025: आस्था और अर्थव्यवस्था का अद्भुत संगम, 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
Khabarnama desk : बिहार से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे ने 31…
Khabarnama desk : रांची के बिरसा मुंडा फन पार्क में सोमवार को डांस रांची डांस…
Khabarnama desk : बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक 32 वर्षीय गर्भवती महिला को…
Khabarnama Desk : सोशल मीडिया पर हाल ही में एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल…
Khabarnama desk : झारखंड की मुख्य सचिव अब स्कोडा सुपर्ब कार में सवारी करेंगी। इसके…
Khabarnama desk : सोमवार को CBI ने मुग्मा स्थित ECL (ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) क्षेत्रीय कार्यालय…