Khabarnama desk : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के प्रमुख दिनेश गोप के इलाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी हलफनामे के रूप में पेश करे। दिनेश गोप इस समय होटवार की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद है।
गोप को मई 2023 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नई दिल्ली से गिरफ्तार किया था। वह पिछले लगभग 20 साल से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। झारखंड, बिहार और ओडिशा में उसके खिलाफ 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, अपहरण, जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
हाल ही में, गोप के हाथ की चोट की सर्जरी हुई थी, जिसके बाद जटिलताएं बढ़ गईं। इसके चलते राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के डॉक्टरों ने उसकी बेहतर चिकित्सा के लिए एम्स में इलाज की सिफारिश की। हालांकि, राज्य सरकार ने इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं की, जिससे गोप ने न्यायालय का सहारा लिया।
अब हाईकोर्ट ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि एम्स में गोप के इलाज के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट का यह कदम कैदियों, खासकर गंभीर आरोपों का सामना कर रहे व्यक्तियों, के स्वास्थ्य और कानूनी अधिकार सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
यह मामला जेल सुधार और हाई-प्रोफाइल कैदियों की स्वास्थ्य समस्याओं को समय पर हल करने की चुनौती को भी उजागर करता है। न्यायालय का यह हस्तक्षेप बताता है कि गंभीर अपराधों के आरोपी भी अपने स्वास्थ्य और मूलभूत अधिकारों के लिए न्यायालय से अपील कर सकते हैं।
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