Khabarnama Desk : विनोबा भावे विश्वविद्यालय (विभावि) के पूर्व कुलपति प्रो मुकुल नारायण देव के कार्यकाल में विश्वविद्यालय के वित्तीय मामलों में बड़ी अनियमितताएं पाई गई हैं। झारखंड सरकार के वित्त विभाग द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि कुलपति के कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय के लाखों रुपए का दुरुपयोग हुआ। अंकेक्षण विभाग ने इस अनियमितता का पर्दाफाश किया और कुछ अधिकारियों तथा कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका जताई है।
जांच में यह सामने आया कि कुलपति के कार्यालय, आवास और उनके उपयोग के वाहन के ईंधन पर 2020 से 2023 के बीच 44 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए गए। इसमें से अधिकांश राशि का दुरुपयोग किया गया, जो विद्यार्थियों की पढ़ाई और विश्वविद्यालय के विकास के लिए निर्धारित थी। रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना के दौरान जब विश्वविद्यालय बंद था, तब कुलपति के कार्यालय पर लगभग आठ लाख रुपये का खर्च किया गया, जिसमें अल्पाहार भी शामिल था। इसके अलावा, कुलपति आवास के रंगरोगन, महंगे उपकरणों की खरीद और एक नए वाहन की खरीद पर भी आपत्ति जताई गई।
फाइनेंस विभाग ने विश्वविद्यालय को एक महीने के भीतर दोषी व्यक्तियों को चिह्नित कर उनसे रकम वसूलने और नियम अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस मामले की जांच राजभवन के आदेश पर की गई थी, जब शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी दी थी। अब, विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस पर सख्त कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।
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